प्रमोद भगत और मनोज सरकार ने टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन में स्वर्ण और रजत पदक जीता

ओडिशा के 33 वर्षीय प्रमोद भगड़ ने पुरुष एकल एसएल21 के फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के पैरा खिलाड़ी डेनियल बथेल को 14,21-17-3 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। 

इसी स्पर्धा में भारत ने कांस्य भी जीता, मनोज सरकार ने कांस्य पदक मैच में जापान के डाइसुके फुजिहारा को 22-20, 21-13 से हराया। 

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प्रमोद भगत को चार साल की उम्र में पोलियो हो गया था जिससे उनका बायां पैर प्रभावित हो गया था। उन्होंने 15 साल की उम्र में अपना पहला टूर्नामेंट सामान्य वर्ग के खिलाड़ियों के खिलाफ खेला था। उन्हें दर्शकों से प्रोत्साहन मिला, जिसने उन्हें अपने बैडमिंटन करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। 

भगत ने अपने करियर में कई स्वर्ण पदक जीते हैं, जिसमें 2013 में BWF पैरा बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप, अंतर्राष्ट्रीय व्हीलचेयर एम्प्युटी स्पोर्ट्स (IWAS) विश्व खेलों में एक स्वर्ण शामिल है। 

मनोज सरकार की हालत एक साल की उम्र में गलत इलाज से पैदा हुई। वह पीपीआरपी लोअर लिम्ब कंडीशन से पीड़ित है। 

मनोज ने अंतर्राष्ट्रीय सर्किट में कई पुरस्कार जीते हैं, जिसमें थाईलैंड पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल 2017 में पुरुषों का एकल रजत, युगांडा पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल 2017 में एक स्वर्ण और बीडब्ल्यूएफ पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप 2015 में पुरुषों की युगल स्पर्धा में स्वर्ण शामिल है। . 

भारत ने अब चल रहे टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में चार स्वर्ण, सात रजत और छह कांस्य पदक जीते हैं।

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