In रिट याचिका (याचिकाएं) विशाल तिवारी बनाम। भारत संघ और अन्य।, माननीय डॉ धनंजय वाई चंद्रचूड़, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बेंच के रिपोर्ट योग्य आदेश की घोषणा की, जिसमें माननीय श्री न्यायमूर्ति पामिदिघंतम श्री नरसिम्हा और माननीय श्री न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला शामिल थे।
भारतीय निवेशकों को हाल के दिनों में देखी गई अस्थिरता से बचाने के लिए बेंच का विचार था कि मौजूदा नियामक ढांचे के आकलन के लिए और इसे मजबूत करने के लिए सिफारिशें करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करना उचित है।
इसलिए, न्यायालय ने निम्नलिखित सदस्यों वाली एक समिति के गठन का आदेश दिया:
- श्री ओपी भट्ट;
- न्यायमूर्ति जेपी देवधर (सेवानिवृत्त)
- श्री के.वी. कामथ;
- श्री नंदन नीलेकणि; और
- श्री सोमशेखर सुंदरेसन।
विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे करेंगे।
समिति का प्रेषण निम्नानुसार होगा:
- प्रासंगिक कारण कारकों सहित स्थिति का समग्र मूल्यांकन प्रदान करने के लिए जो हाल के दिनों में प्रतिभूति बाजार में अस्थिरता का कारण बना;
- निवेशक जागरूकता को मजबूत करने के उपायों का सुझाव देना;
- यह जांच करने के लिए कि अदानी समूह या अन्य कंपनियों के संबंध में प्रतिभूति बाजार से संबंधित कानूनों के कथित उल्लंघन से निपटने में नियामक विफलता हुई है या नहीं; और
- (i) वैधानिक और/या नियामक ढांचे को मजबूत करने; और (ii) निवेशकों की सुरक्षा के लिए मौजूदा ढांचे का अनुपालन सुनिश्चित करना।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि समिति को सभी आवश्यक जानकारी प्रदान की जाए। वित्तीय विनियमन से जुड़ी एजेंसियों, वित्तीय एजेंसियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित केंद्र सरकार की सभी एजेंसियां समिति के साथ सहयोग करेंगी। समिति अपने काम में बाहरी विशेषज्ञों का सहारा लेने के लिए स्वतंत्र है।
समिति से अनुरोध है कि वह अपनी रिपोर्ट दो महीने के भीतर इस न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करे।"
अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा है, 'सच्चाई की जीत होगी'।
अदानी समूह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करता है। यह समयबद्ध तरीके से अंतिम रूप लाएगा। सत्य की जीत होगी।
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